सर्द थपेड़े और हवा सरसरी है
मासूम था जनवरी
बदमाश तो ये फरवरी है
प्रेम में पागल हो जाना
किसी हद तक ठीक है,
बेवकूफ बनना बिलकुल ठीक नहीं है।
#दिनकर
मैं तुम्हारा नाम पुकारूँ
तुम महक-महक जाओ
मैं बनाऊं एक कविता
तुम कलाम की स्याही बन जाओ
–नेहा नूपुर
मैंने कहा बहुत प्यार आता है तुम पर
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वो मुस्कुरा कर बोले और तुम्हे आता ही क्या है।
तुझे मुफ़्त में जो मिल गये हम
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तू क़दर ना करें ये तेरा हक़ बनता है…
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इश्क़ की किताब का
उसुल है जनाब………….!!
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मुड़ कर देखोगे…
तो मोहब्बत मानी जाएगी………!!
😂😂😂😂😂
सुना है इश्क़ जब गहरा हो जाए तो आशिकों के चेहरे मिलने लगते हैं।
ये तो बताओ..
तुम्हारे गालों पर भी भंवर पड़ते हैं क्या?
मैं रुई पर एक
कविता लिखूँगा
और उसे तेल में डुबाकर
दिया में सजाऊँगा
फिर संसार के सबसे ऊंचे
पर्वत पर जाकर
मैं उस दीये को जलाऊँगा
कविता में कुछ हो न हो
उजाला जरूर होना चाहिए
बस इतना उजाला
जो अंधेरा हर सके।
~ देवेंद्र