Category: <span>दिल की बात</span>

Category: दिल की बात

प्रेमिकाएँ पत्नियाँ होना चाहती रहीं

प्रेमिकाएँ पत्नियाँ होना चाहती रहीं…

और पत्नियाँ प्रेमिकाएँ….

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कोई पुरुष किसी स्त्री को शायद पूरा मिला ही नहीं…

उधार वालों को लोग भुलाया नहीं करते

रहने दो “उधार” इक मुलाकात
यूं ही..!

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सुना है “उधार” वालों को “लोग”
“भुलाया” नहीं करते..!!

पलाश के फूलों कि तरह

एक ख़ूबसूरत पेड़
जिसपे खिले थे लाल
मखमली खूबसूरत फूल
इसे देख अचानक
ठहर गयी नज़र
क्योंकि नहीं थी उसपे हरी पत्तियाँ
दमक रही थी सूखी डाल फूलों से
तभी याद आयी तुम्हारी कही बात
उम्मीद जीवन की कभी छूटने मत देना
यूँ ही मुस्कुराते रहना हर लम्हा
इन पलाश के फूलों कि तरह

अंशु हर्ष

उद्दंड लड़के प्रेम में पड़कर शांत हो जाते हैं

कक्षा के सबसे
उद्दंड लड़कों को
कक्षा की सबसे
शांत लड़कियों से
प्रेम होता है

सबसे शांत लड़कियाँ
प्रेम में पड़कर
उद्दंड हो जाती हैं
सबसे उद्दंड लड़के
प्रेम में पड़कर
शांत हो जाते हैं

~ देवेंद्र दांगी

अक्टूबर बिछड़ने का महीना है

अक्टूबर बिछड़ने का महीना है, शाख़ से पत्ते अलग हुए जा रहे हैं, हवाओं के दिल भी भारी हो रखे हैं, पर अक्टूबर उम्मीद का महीना भी है कि नंगी टहनियां फ़िर से हरी होंगी, सब ख़त्म हो जाने के बाद भी कुछ होना बचा रहेगा..

और बचा रहेगा मेरा तुमसे प्रेम करना दुनिया के किसी कोने में !