तुझे दिसंबर में लगे मोहब्बत की ठंड,
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और तू मुझे तड़पकर मांगे चाय की तरह..
तुझे दिसंबर में लगे मोहब्बत की ठंड,
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और तू मुझे तड़पकर मांगे चाय की तरह..
मैंने कहा बहुत प्यार आता है तुम पर
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वो मुस्कुरा कर बोले और तुम्हे आता ही क्या है।
इश्क़ की किताब का
उसुल है जनाब………….!!
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मुड़ कर देखोगे…
तो मोहब्बत मानी जाएगी………!!
😂😂😂😂😂
कभी टूट कर बिखरो तो बता देना
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समेट कर कचरे वाली गाड़ी में डाल दूंगा। 😁😁
अगले जन्म मैं तुम्हें
प्रेयसी नहीं
भिक्षुणी बनकर मिलूँगी
एकदम खाली हाथ
मैंने मुट्ठी भर-भर
तुम्हें जो सर्वस्व दिया है
क्या तब तुम अंजुरी भर
डालोगे मेरी झोली में?
-समृद्धि
सुना है इश्क़ जब गहरा हो जाए तो आशिकों के चेहरे मिलने लगते हैं।
ये तो बताओ..
तुम्हारे गालों पर भी भंवर पड़ते हैं क्या?
चेहरा खूबसूरत हैं तो आशिक़ों की कमी नहीं
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तलाश उनकी हैं जो झुर्रियों को भी दिल से चूमे