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मैं रुई पर एक कविता लिखूँगा

मैं रुई पर एक
कविता लिखूँगा
और उसे तेल में डुबाकर
दिया में सजाऊँगा

फिर संसार के सबसे ऊंचे
पर्वत पर जाकर
मैं उस दीये को जलाऊँगा

कविता में कुछ हो न हो
उजाला जरूर होना चाहिए
बस इतना उजाला
जो अंधेरा हर सके।

~ देवेंद्र

एक अबोध बालक

तमाम प्रेम कविताओं
और
तरल सम्वेदनाओं के बावजूद
नहीं पकड़ पाए वो रंग
जिसमें डूब
एक अबोध बालक
बिल्ली के अक्ष्म बच्चे को
सहलाता है
छुप कर पालता है
और
उचित समय
दूर कहीं पेड़ के नीचे सुरक्षित छोड़
निर्लप्त चला आता है

फिर से कहीं और प्रेम बाँटने के लिए…

गलतियों से जुदा तू भी नही, मैं भी नही

गलतियों से जुदा तू भी नही, मैं भी नही,
दोनों इंसान हैं, खुदा तू भी नही, मैं भी नहीं

तू मुझे औऱ मैं तुझे इल्जाम देते हैं मगर,
अपने अंदर झाँकता तू भी नही, मैं भी नही

गलतफमियों ने कर दी दोनो मे पैदा दूरियां
वरना बुरा तूभी नही, मैं भी नही

आप कितने खूबसूरत हैं ?

कोई फर्क नहीं पड़ता कि
आप कितने खूबसूरत हैं ?
~क्योंकि~

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लँगूर और गोरिल्ला भी
अपनी ओर लोगों का ध्यान
आकर्षित कर ही लेते हैं

😂😂😂😂

हमारा कानून इसीलिए कमजोर है

हमारा कानून इसीलिए कमजोर है क्योंकि
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यहां पाॅलिथीन बनाने वाली कंपनियों पर
नहीं पाॅलिथीन में सब्जी बेचने वाले
पर कार्रवाई होती है।
😒😒😒😒😒😒

ज़रूरी नहीं कि सबकी नज़रों में अच्छे ही बनो

ज़रूरी नहीं कि सबकी नज़रों में अच्छे ही बनो
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कुछ लोगों की नज़रों में खटकने का मज़ा ही अलग है…….😁😁😁