भला हो गर्मी के मौसम का कम से कम इसी बहाने,
देश की बहू बेटियाँ सर से पल्ला ओढ़ कर तो चल रही है
भला हो गर्मी के मौसम का कम से कम इसी बहाने,
देश की बहू बेटियाँ सर से पल्ला ओढ़ कर तो चल रही है
ऐ उम्र मैने कुछ कहा! शायद तूने सुना नही..
तु छिन सकती है बचपन मेरा..
पर “बचपना” नही..।।
लोग कहते है कि आप बेहतर करे लेकिन ये भी सत्य है कि वो कभी नही चाहते आप उनसे बेहतर करे।।
रिश्ते…अगर दिल में हों तो तोड़ने से भी नहीं टूटते, और अगर दिमाग में हों तो जोड़ने से भी नहीं जुड़ते ।।
तमाम उम्र लगा दी हमने शरीफ़ होने में..
हुआ मैं शरीफ़ तो ज़माना ख़राब हो बैठा..।।
दुनिया में सिर्फ दिल ही है, जो बिना आराम किये काम करता है, इसलिए उसे खुश रखो, चाहे वो अपना हो या अपनों का ।।
देखो साथ न छुटे बुजुर्गों का कभी..
पत्ते पेडों पर ही लगे हो तो हरे रहते हैं..।।
यूं ही न अपने मिजाज को चिड़चिड़ा कीजिये,
अगर कोई बात छोटी करे तो आप दिल बड़ा कीजिये ।।
आधा बचपन तो साला इसी कन्फ्यूजन में बीत गया कि
समबाहु, विषमबाहु और समद्विबाहु, त्रिभुज के नाम हैं या अमरेंद्र बाहुबली के भाईयों के।😂😂