ये कश्मकश है ज़िंदगी की
कि कैसे बसर करें ……
ख्वाहिशे दफ़न करे
या चादर बड़ी करें ….
ये कश्मकश है ज़िंदगी की
कि कैसे बसर करें ……
ख्वाहिशे दफ़न करे
या चादर बड़ी करें ….
दूर से दूर तलक एक भी दरख्त न था|
तुम्हारे घर का सफ़र इस क़दर सख्त न था।
इतने मसरूफ़ थे हम जाने के तैयारी में,
खड़े थे तुम और तुम्हें देखने का वक्त न था।
– गोपालदास नीरज
दोस्ती कभी ख़ास लोगों से नहीं होती जिनसे हो,
जाती है वही लोग ज़िन्दगी में ख़ास बन जाते है!😊
किसी रोज़ याद न कर पाऊँ तो खुदग़रज़ ना समझ लेना दोस्त…!
छोटी सी इस उम्र में भी परेशानियां बहुत हैं…!
एक सच्चा दोस्त कभी आपके रास्ते में नहीं आता…!
जब तक कि आप गलत रास्ते पे ना जा रहे हों…!
इंतजार भी उसका जिसे
आना ही नहीं है….
प्यार भी उस से …
जिसको कभी पाना ही नहीं है..!!😊
Maa baap ne socha bachhe bade hoke naam roshan krege…
Or bacche
Musical.ly par mujra kar rhe hai 😥
#sharmnak
तुझे गुस्सा दिलाना भी एक साजिश हैं !!!
तेरा रुठ कर मुझ पर यूँ हक जताना प्यार सा लगता हैं !!!
बदला है अब रिश्तों में
प्रेम नहीं अब किश्तों में
जो निभाते हैं वो फरिश्ते हैं
बड़ा लोचा है भाई #बदलते_रिश्ते में