मैं गणित था उलझता गया
.
.
.
वो कला थी तो निखरती गई
जिनगी हम ता जियल चाहीं
खेत बगइचा बाड़ी में
.
.
छोड़ छाड़ सब आईल बानी
हम इहवाँ लाचारी में
मनवा हरियर लागे भइया
हाथ लगवते माटी में
.
.
जियरा अजुओ अटकल बाटे
घर में चोखा बाटी में
दू बिगहा में घर बा लेकिन
सुतल बानी टेम्पू में
.
.
जिनगी ई अझुराईल बाटे
नून तेल आ शैम्पू में
#BihariStatus