मेरे हाथ अक्सर एक हाथ तलाशा करते है,
तुझसे गुजरे है, तेरा साथ तलाशा करते है
गालियां, वो सड़के, इश्क़ में थी सनी – सनी ,
ओस की बूंदों में वही रात तलाशा करते है
© नेहा नूपुर
मेरे हाथ अक्सर एक हाथ तलाशा करते है,
तुझसे गुजरे है, तेरा साथ तलाशा करते है
गालियां, वो सड़के, इश्क़ में थी सनी – सनी ,
ओस की बूंदों में वही रात तलाशा करते है
© नेहा नूपुर
मैं तुम्हारा नाम पुकारूँ
तुम महक-महक जाओ
मैं बनाऊं एक कविता
तुम कलाम की स्याही बन जाओ
–नेहा नूपुर
जिस हिसाब से Lockdown चल रहा है…
मुझे लगता नही की….👇
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15 अगस्त से पहले आज़ादी मिलेगी…!!
😆😆😆
जिस हिसाब से लोग लुडो खेल रहें हैं..!!😐
उस हिसाब से तो लगता है …
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अगला worldcup लुडो का ही होगा..!!_
😃😆😆😅