जिन्दगी स्टेशन की तरह
हो गई है…
लोग तो बहुत है लेकिन
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अपना कोई नही…
जिन्दगी स्टेशन की तरह
हो गई है…
लोग तो बहुत है लेकिन
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अपना कोई नही…
कौन कहता है की दिल..
सिर्फ लफ्जों से दुखाया जाता है,
तेरी ख़ामोशी भी कभी कभी..
आँखें नम कर देती है..