उम्र और ओहदे में,कौन कितना बड़ा है फर्क नहीं पड़ता,लहजे में कौन कितना झुकता है फर्क ये पड़ता है
जीवन का असली आनंद
जीवन का असली आनंद तो नादान ही लेता है, समझदार तो हमेशा समझदारी में ही उलझा रहता है
उम्र और ओहदे में,कौन कितना बड़ा है फर्क नहीं पड़ता,लहजे में कौन कितना झुकता है फर्क ये पड़ता है
जीवन का असली आनंद तो नादान ही लेता है, समझदार तो हमेशा समझदारी में ही उलझा रहता है