मुझसे जो भी नफरत करते है सुकून से करे
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मैं भी हर शख्स को मोहब्बत के काबिल नही समझता
मुझसे जो भी नफरत करते है सुकून से करे
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मैं भी हर शख्स को मोहब्बत के काबिल नही समझता
काश अठखेलियां लेता कभी
तेरे प्यार से उफनते सागर में
रोम रोम हर्षित हो जाता तब
मिलता सुकून भरता तुझे पहलू में