इतना तो
किसी ने चाहा भी न होगा तुम्हे,
जितना मैंने
सिर्फ…… सोचा
है तुम्हे
इतना तो
किसी ने चाहा भी न होगा तुम्हे,
जितना मैंने
सिर्फ…… सोचा
है तुम्हे
न ज़ख्म भरे, न शराब सहारा हुई.,
न वो वापस लौटीं, न मोहब्बत दोबारा हुई..
तुमने तो फिर भी सीख लिए दुनिया के चाल चलन…
हम तो कुछ भी ना कर सके बस मुहब्बत के सिवा !!
“कभी हमसे भी पूछ लिया करो हाल-ए-दिल,
कभी हम भी तो कह सकें दुआ है आपकी”
नज़रिया बदल के देख,
हर तरफ नज़राने मिलेंगे
ऐ ज़िन्दगी यहाँ तेरी
तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे .
लिख दूँ किताब तेरी मासूमियत पे मैं
लेकिन
कहीं हर कोई तुझे पाने का तलबगार न हो जाए।
अब नज़र से जिस्म छिल जाने का ख़ौफ़ है,
आजकल पोशाकों में अस्तर नहीं मिलते…!
#Shayari