प्रेम मेरे लिए वह अंतहीन यात्रा है जिसका कोई लक्ष्य नहीं!तुम भी नहीं!!
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तुम तो वह सहयात्री हो जिसका हाथ पकड़ मैं इस शाश्वत यात्रा पर निकलना चाहता हूँ!!!
प्रेम मेरे लिए वह अंतहीन यात्रा है जिसका कोई लक्ष्य नहीं!तुम भी नहीं!!
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तुम तो वह सहयात्री हो जिसका हाथ पकड़ मैं इस शाश्वत यात्रा पर निकलना चाहता हूँ!!!