चूम लेते
किसी खिलते हुए फूल को!
या सहला देते
किसी पेड़ की पीठ!
कर देते
थोड़ी सी गिदगिलियां
बूढ़की दादी को!
या पास बैठकर
सुन लेते कोई पुराना किस्सा
चुपचाप बैठे दादाजी से!
प्यार पाने के
प्यार जताने के
कितने मार्ग हैं मित्र
और तुम उदास बैठे हो!
~ नरेश गुर्जर