इश्क का लुफ्त तो देखिये साहेब..
कोई मर रहा है किसी पे मरने के लिए…!!
इश्क का लुफ्त तो देखिये साहेब..
कोई मर रहा है किसी पे मरने के लिए…!!
एक सन्त ने एक बार बताया था कि मोहब्बत सेहरी में पीये गए पानी की आखरी घूंट की जैसी होनी चाहिए जिसके बाद दूसरे घूंट की गुंजाइश ही नहीं होनी चाहिए।
अगर है किसी मे टूटने की हिम्मत है…
तो मुबारक हो..इश्क़ कर लीजिये..
#बज़्म
आशियाने बनें भी
तो कहाँ जनाब…
जमीनें महँगी हो चली हैं
और
दिल में लोग जगह नहीं देते..
तेरे होंठो को देखा तो एक बात उठी जहन में
वो लफ्ज़ कितने नशीले होंगे, जो इनसे होकर गुजरते है