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मेरे हाथ अक्सर एक हाथ तलाशा करते है

मेरे हाथ अक्सर एक हाथ तलाशा करते है,

तुझसे गुजरे है, तेरा साथ तलाशा करते है

गालियां, वो सड़के, इश्क़ में थी सनी – सनी ,

ओस की बूंदों में वही रात तलाशा करते है

© नेहा नूपुर

अगले जन्म मैं

अगले जन्म मैं तुम्हें
प्रेयसी नहीं
भिक्षुणी बनकर मिलूँगी
एकदम खाली हाथ

मैंने मुट्ठी भर-भर
तुम्हें जो सर्वस्व दिया है
क्या तब तुम अंजुरी भर
डालोगे मेरी झोली में?

-समृद्धि

तुम कहते हो प्रेम भाषा नहीं जानता

आँखों की अभिव्यक्ति
संसार की श्रेष्ठतम अभिव्यक्ति है..

आलिंगन संसार की सर्वोत्तम
चिकित्सा पद्धति है…

स्पर्श से बेहतर
कोई अनुवाद नहीं..

चुम्बन से सर्वोच्च
कोई अनुभूति नहीं…

और तुम कहते हो
प्रेम भाषा नहीं जानता..

~ हर्षिता पंचारिया

बिस्तर के जूठन होने का

घर में पति की जूठन खाने वाली
स्त्रियां, चीखती है मन ही मन में
जब होता है अहसास उसे,
बिस्तर के जूठन होने का…!!

वें सहम कर हट जाती है पीछे
औऱ झोंक देती है मन को,
रसोई के चूल्हें में..!!

💛💙

प्यार जताने के बहुत मार्ग हैं

चूम लेते
किसी खिलते हुए फूल को!
या सहला देते
किसी पेड़ की पीठ!

कर देते
थोड़ी सी गिदगिलियां
बूढ़की दादी को!
या पास बैठकर
सुन लेते कोई पुराना किस्सा
चुपचाप बैठे दादाजी से!

प्यार पाने के
प्यार जताने के
कितने मार्ग हैं मित्र
और तुम उदास बैठे हो!

~ नरेश गुर्जर

मुझे जीवन में इतना करना है

मुझे जीवन में इतना करना है
कि जब मैं मरूँ तो
संसार में उत्सव हो
मैं शोक का सारथी बनना नहीं चाहता
मेरी मृत्यु पर नन्हे-नन्हे
बालकों को दिए जाएँ दो-दो लड्डू
सुहागिनों को दिया जाए सिंगार का सामान
बुज़ुर्गों को बाँटी जाए लाठी
मेरी पत्नी को कुछ न दिया जाए
बस दी जाए इतनी इजाज़त
कि वह बालों में अनवरत सिंदूर भर सके
मैं किसी तारे की पीठ पर
बैठकर उसे निहारता रहूँगा।

~ देवेंद्र दांगी

मैं रुई पर एक कविता लिखूँगा

मैं रुई पर एक
कविता लिखूँगा
और उसे तेल में डुबाकर
दिया में सजाऊँगा

फिर संसार के सबसे ऊंचे
पर्वत पर जाकर
मैं उस दीये को जलाऊँगा

कविता में कुछ हो न हो
उजाला जरूर होना चाहिए
बस इतना उजाला
जो अंधेरा हर सके।

~ देवेंद्र