कितने ही दिल तोड़ती है ये “फरवरी” …
यूंही नही बनाने वाले ने
इसके दिन घटाये होंगे..!
कितने ही दिल तोड़ती है ये “फरवरी” …
यूंही नही बनाने वाले ने
इसके दिन घटाये होंगे..!
हज़ार इश्क़ करो लेकिन इतना ध्यान रहे….
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के तुमको पहली मोहब्बत की बददुआ ना लगे…
बदल जाऊं तो मेरा नाम वक्त रखना,
थम जाऊं तो हालात,
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छलक जाऊं तो मुझे जज्बात कहना..
महसूस हो जाऊं तो दोस्त राज़
#बज़्म
मिलने की तरह
वो मुझसे पल भर
नही मिलता
दिल भी मिला तो
उस से मिला
जिस से मुकद्दर नही मिलता
वास्ता हुस्न से या शिद्दत ए जज्बात से क्या
इश्क को तेरे कबीले या मेरी जात से क्या
प्यास देखूं या करूँ फिक्र कि घर कच्चा है
सोच में हूँ कि मेरा रिश्ता है बरसात से क्या..!
(जौन एलिया)
कुछ रस्में मोहोब्बत में ऐसे भी निभाई हमनें
पूछा जब कभी “कैसी हो? ”
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कहा
“अच्छी” हमने !!
ना खूबसूरत…
ना अमीर…
ना शातिर बनाया था.
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मेरे खुदा ने तो मुझे तेरे खातिर बनाया था..😐
उसकी आँखें गुलज़ार साहब की नज़्म हो जैसे…
उसकी बातें जैसे क़ैफ़ी आज़मी की ‘तेरी ख़ुशबू में बसे ख़त’…