शहर बसाकर, अब सुकून के लिए गाँव ढूँढते हैं…..
बड़े अजीब हैं लोग हाथ में कुल्हाड़ी लिए, छाँव ढूँढते हैं…..
शहर बसाकर, अब सुकून के लिए गाँव ढूँढते हैं…..
बड़े अजीब हैं लोग हाथ में कुल्हाड़ी लिए, छाँव ढूँढते हैं…..
पेड़ काटने आये हैं कुछ लोग,
मेरे #गाँव में …!!
अभी धूप बहुत तेज है कहकर
बैठे हैं उसकी #छाँव में…..!!