चाहे कोई दार्शनिक बने साधु बने या मौलाना बने, अगर वो लोगों को अंधेरे का डर दिखाता है,
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तो ज़रूर वो अपनी कंपनी का टॉर्च बेचना चाहता है।
~ हरिशंकर परसाई
चाहे कोई दार्शनिक बने साधु बने या मौलाना बने, अगर वो लोगों को अंधेरे का डर दिखाता है,
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तो ज़रूर वो अपनी कंपनी का टॉर्च बेचना चाहता है।
~ हरिशंकर परसाई