जब एक रोटी के चार टुकड़े हों और खाने वाले पाँच,
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तब मुझे भूख नहीं है ऐसा कहने वाली इंसान है – माँ !
जब एक रोटी के चार टुकड़े हों और खाने वाले पाँच,
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तब मुझे भूख नहीं है ऐसा कहने वाली इंसान है – माँ !
माना थक कर आँखे उसकी बंद होती हैं ,
पर माँ सोती भी हैं, तो फिक्रमंद होती हैं।
मेरी ख्वाहिश है की मैं फिर से फरिश्ता हो जाऊँ,
माँ से इस तरह लिपटूँ की बच्चा हो जाऊँ।
मैं ही नहीं,
बड़े बड़े सूरमा भी याद करते हैं…
‘दर्द’ जब हद से ज्याद होता है तो,
सब “माँ” याद करते हैं |।।
ऊपर जिसका अंत नहीं उसे आसमां कहते हैं ,
जहाँ में जिसका अंत नहीं उसे माँ कहते हैं।
सीधा साधा भोला भाला
तेरे लिए मै ही सबसे अच्छा हूँ ,
कितना भी हो जाऊ बड़ा माँ
मै आज भी तेरा ही बच्चा हूँ ।
मैंने “माँ ” के कंधे पर सर रख कर पूछा – “माँ ” कब तक मुझे अपने कन्धों पर सोने दोगी!
माँ का जवाब था – बेटा जब तक तू, मुझे अपने कंधे पर ना उठा ले तब तक
पता नहीं क्या जादू है 👉🏻पागल शब्द में..
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जमाना कहे तो गुस्सा आता है,
और लड़की कहे तो प्यार…😍😍🙈😜
😁😁😂 😂😂
डॉक्टर:- अपने हसबेंड को जैसे देखती हो वैसे देखो,
महिला :- लेकिन क्यों ?🤔
डॉक्टर :- आँखों मे आई ड्रॉप डालना है!🤪🤓