ज़रा सी देर को तुम अपनी आँखें दे दो मुझे
ये देखना है कि मैं तुम को कैसा लगता हूँ
=मुईन शादाब
ज़रा सी देर को तुम अपनी आँखें दे दो मुझे
ये देखना है कि मैं तुम को कैसा लगता हूँ
=मुईन शादाब
दुआ करों मैं कोई रास्ता निकाल सकूँ,
तुम्हे भी देख सकूँ, खुद को भी संभाल सकूँ।
– निदा फाजली
चलो चुपके से एक सौदा कर लो,
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मेरे बन जाओ
या
मुझे अपना कर लो..
*प्यार ऐसे आलसी इन्सान से करो जो*
😆😀👈🏻
😀😆😀
*छोड़ कर जाने की सोच से ही थक जाये*
😆😆😀😀😀
मोहब्बत वो जज्बा है जिसमें हारा नहीं जाता ।
दफन होकर भी आशिकी को बिसारा नहीं जाता
महोब्बत लिबास नही जो हर रोज़ बदला जाए
महोब्बत कफ़न है पहन कर उतारा नही जाता
……….!
तुम्हारे बाद ग़ुज़रे हैं भला कैसे हमारे दिन,
नवम्बर से बचे हैं तो दिसम्बर ने मार डाला…
ये सर्द हवाएँ,बिखरे पत्ते और तन्हाई,
ऐ दिसम्बर तू सब कुछ ले आया है सिवाय उसके…
ये कैसा ख्याल है तेरा,
जो मेरा हाल बदल देता है,
तू दिसम्बर की तरह है,
जो पूरा साल बदल देता है..!