चेहरा खूबसूरत हैं तो आशिक़ों की कमी नहीं
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तलाश उनकी हैं जो झुर्रियों को भी दिल से चूमे
चेहरा खूबसूरत हैं तो आशिक़ों की कमी नहीं
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तलाश उनकी हैं जो झुर्रियों को भी दिल से चूमे
घर में पति की जूठन खाने वाली
स्त्रियां, चीखती है मन ही मन में
जब होता है अहसास उसे,
बिस्तर के जूठन होने का…!!
वें सहम कर हट जाती है पीछे
औऱ झोंक देती है मन को,
रसोई के चूल्हें में..!!
💛💙
सब्र इतना रखो की इश्क़ बेहूदा ना बने
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खुदा मेहबूब बन जाए …
पर महबूब खुदा ना बने
रहने दो “उधार” इक मुलाकात
यूं ही..!
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सुना है “उधार” वालों को “लोग”
“भुलाया” नहीं करते..!!
एक ख़ूबसूरत पेड़
जिसपे खिले थे लाल
मखमली खूबसूरत फूल
इसे देख अचानक
ठहर गयी नज़र
क्योंकि नहीं थी उसपे हरी पत्तियाँ
दमक रही थी सूखी डाल फूलों से
तभी याद आयी तुम्हारी कही बात
उम्मीद जीवन की कभी छूटने मत देना
यूँ ही मुस्कुराते रहना हर लम्हा
इन पलाश के फूलों कि तरह
अंशु हर्ष
फासला रखिये नहीं तो मोहब्बत हो जायेगी
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फिर किसी की अम्मा नही मानेगी …
किसी के अब्बा नहीं मानेंगे ,
किसी को चाहना तो
इतनी शिद्दत से चाहना की
उसके जाने के बाद
तुम्हारी कविताएँ
मोहताज न रहें
किसी समीक्षक की
किसी प्रशंसक की….
~ रचित दीक्षित
बिना जिस्म को छुए
कोई रूह से लिपट जाए…
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मेरे ख्याल में तो
वही सच्चा इश्क़ है..
गलतियों से जुदा तू भी नही, मैं भी नही,
दोनों इंसान हैं, खुदा तू भी नही, मैं भी नहीं
तू मुझे औऱ मैं तुझे इल्जाम देते हैं मगर,
अपने अंदर झाँकता तू भी नही, मैं भी नही
गलतफमियों ने कर दी दोनो मे पैदा दूरियां
वरना बुरा तूभी नही, मैं भी नही