मत देख कोई शख्स गुनाहगार है कितना,
बल्कि,
यह देख, तेरे साथ वफादार है कितना…
सेल्फी लेना मजबूरी हो गया है
बाहर जाकर सेल्फी लेना मजबूरी हो गया है
खुश दिखना, खुश रहने से जरूरी हो गया है,
चर्चा मेरे बुराई पे हो
मेरी ख़ूबीयो पर तो…..
यहाँ सब खामोश रहते हैं ..
चर्चा मेरे बुराई पे हो तो…
गूँगे भी बोल पड़ते हैं …