सफाईयाँ देना छोड़ दिया है मैंने,
सीधी सी बात…
बहुत बुरा हूँ मैं……..!!
जो हासिल ना हो सका
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में….
बस हम गिनती उसी की करते है,
जो हासिल ना हो सका….
तेरे साथ वफादार है कितना…
मत देख कोई शख्स गुनाहगार है कितना,
बल्कि,
यह देख, तेरे साथ वफादार है कितना…
सेल्फी लेना मजबूरी हो गया है
बाहर जाकर सेल्फी लेना मजबूरी हो गया है
खुश दिखना, खुश रहने से जरूरी हो गया है,
चर्चा मेरे बुराई पे हो
मेरी ख़ूबीयो पर तो…..
यहाँ सब खामोश रहते हैं ..
चर्चा मेरे बुराई पे हो तो…
गूँगे भी बोल पड़ते हैं …
जिंदगी आसान बहुत हो गयी
कुछ बातों के मतलब है और कुछ मतलब की बातें,
जब से फर्क जाना जिंदगी आसान बहुत हो गयी