नहीं मिला मुझे
कोई तुम जैसा आज तलक,
पर ये सितम अलग है कि
मिले तुम भी नहीं..!
साँसों का टूट जाना तो बहुत छोटी सी बात है दोस्तो,
जब अपने याद करना छोड़ दे, मौत तो उसे कहते है !!
न ज़ख्म भरे, न शराब सहारा हुई.,
न वो वापस लौटीं, न मोहब्बत दोबारा हुई..
तुमने तो फिर भी सीख लिए दुनिया के चाल चलन…
हम तो कुछ भी ना कर सके बस मुहब्बत के सिवा !!
अब नज़र से जिस्म छिल जाने का ख़ौफ़ है,
आजकल पोशाकों में अस्तर नहीं मिलते…!
#Shayari
मजबूत हैं मगर फिर भी टूट जाते हैं…
अपनों का अजनबी लहजा बहुत तकलीफ देता है…!!
#Shayari
तेरे वादों पे कहाँ तक मेरा दिल फ़रेब खाए
कोई ऐसा कर बहाना मेरी आस टूट जाए
~फ़ना निज़ामी कानपुरी
ला रहे हैं नींद के #आग़ोश में
अश्क़ मुझको थपकियां देते हुए…
नींद तो दर्द के बिस्तर पे भी आ सकती है
उन की #आग़ोश में सर हो ये ज़रूरी तो नहीं