हक़ीक़त को तलाश करना पड़ता है…
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अफवाहें तो घर बैठे आप तक पहुँच जाती है..
अच्छा लगता है ना जब कोई आपकी बात बहुत गौर से सुनता है
आपकी हर छोटी कही बात भी उसको याद रहती है
आपका कहा गया हर शब्द उसकी सिर आंखों पर रहता है
तब उस क्षण आप खुद को बहुत ‘लकी’ महसूस करते हो🙏
रिश्तों की चाय में शक्कर ज़रा माप के ही रखना…
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फीकी हुई तो स्वाद नही आएगा..
ज्यादा मीठी हुई तो मन भर जाएगा…👌
बरसात के मौसम में आना कभी तू घर मेरे,
खुश्बू अजीज होती है
इन दिनो कच्चे मकानो की…
बहुत बार हम “धागे” ही
इतने कमज़ोर चुन लेते हैं,
की पूरी ज़िंदगी ही “गाँठ बाँधने”
में गुज़र जाती हैं..!🙏
अच्छी यादों का आचार डालिए
और सालों साल रखिए
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बुरी यादों की चटनी बनाइए
और दो दिन में खत्म कीजिए।