“व्यक्तित्व” की भी
अपनी वाणी होती है
जो “कलम”‘ या “जीभ”
के इस्तेमाल के बिना भी,
लोगों के “अंर्तमन” को छू जाती है..!!!
राह में खतरे भी हैं लेकिन ठहरता कौन है
राह में खतरे भी हैं लेकिन ठहरता कौन है.
मौत कल आती है आज आ जाए डरता कौन है.
तेरे लश्कर के मुक़ाबिल में अकेला हूँ मगर
फैसला मैदान में होगा के मरता कौन है….
– राहत इंदौरी
कोशिश और किस्मत
🍃 चन्द्रगुप्त ने पुछा 🍃
अगर किस्मत
पहले ही लिखी जा चुकी है तो,
कोशिश कर के क्या मिलेगा ?
🍃 चाणक्य ने कहा 🍃
क्या पता किस्मत में लिखा हो की,
कोशिश करने से ही मिलेगा.!!
न बिकने का इरादा हो तो क़ीमत और बढ़ती है
सफ़र में मुश्किलें आएँ तो जुर्रत और बढ़ती है
कोई जब रास्ता रोके तो हिम्मत और बढ़ती है
मेरी कमज़ोरियों पर जब कोई तनक़ीद करता है
वो दुशमन क्यों न हो उस से मुहव्बत और बढ़ती है
अगर बिकने पे आ जाओ तो घट जाते हैं दाम अक़सर
न बिकने का इरादा हो तो क़ीमत और बढ़ती है
~ नवाज़ देवबन्दी
सच चाहता है उसे हर कोई पहचाने
सच चाहता है उसे हर कोई पहचाने
और झूठ हमेशा डरता है कोई उसे पहचान ना ले
मंज़िल पाना तो दूर की बात
मंज़िल पाना तो दूर की बात
अगर ऐसे ही Ego में रहोगे तो रास्ते भी नहीं दिखेंगे
बढ़ के मिलिए और मिल कर दूर जाते जाइए
ज़िंदगी की अंजुमन का बस यही दस्तूर है…
बढ़ के मिलिए और मिल कर दूर जाते जाइए.!!
#जौन_एलिया