लौट आती है हर बार मेरी दुआ खाली,
जाने कितनी ऊँचाई पर खुदा रहता है।
तेरी ख़ामोशी
कौन कहता है की दिल..
सिर्फ लफ्जों से दुखाया जाता है,
तेरी ख़ामोशी भी कभी कभी..
आँखें नम कर देती है..
बस अच्छा लगता है
तुम्हारा होना बिल्कुल रविवार की सुबह जैसा है,
कुछ सूझता नहीं है….
बस अच्छा लगता है !!!
मुझसे जो भी नफरत करते है सुकून से करे
मुझसे जो भी नफरत करते है सुकून से करे
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मैं भी हर शख्स को मोहब्बत के काबिल नही समझता