Day: <span>October 22, 2019</span>

Day: October 22, 2019

अक्टूबर बिछड़ने का महीना है

अक्टूबर बिछड़ने का महीना है, शाख़ से पत्ते अलग हुए जा रहे हैं, हवाओं के दिल भी भारी हो रखे हैं, पर अक्टूबर उम्मीद का महीना भी है कि नंगी टहनियां फ़िर से हरी होंगी, सब ख़त्म हो जाने के बाद भी कुछ होना बचा रहेगा..

और बचा रहेगा मेरा तुमसे प्रेम करना दुनिया के किसी कोने में !

मुझे जीवन में इतना करना है

मुझे जीवन में इतना करना है
कि जब मैं मरूँ तो
संसार में उत्सव हो
मैं शोक का सारथी बनना नहीं चाहता
मेरी मृत्यु पर नन्हे-नन्हे
बालकों को दिए जाएँ दो-दो लड्डू
सुहागिनों को दिया जाए सिंगार का सामान
बुज़ुर्गों को बाँटी जाए लाठी
मेरी पत्नी को कुछ न दिया जाए
बस दी जाए इतनी इजाज़त
कि वह बालों में अनवरत सिंदूर भर सके
मैं किसी तारे की पीठ पर
बैठकर उसे निहारता रहूँगा।

~ देवेंद्र दांगी