जिंदगी नाव की मानिंद यूँ ही बस चलती रहे
मुहब्बत की आग प्यासे दिलों में जलती रहे
लहरें तो सदा #आग़ोश में लेने को मचलती है
कुछ दूर से ही नज़रों से ये नज़र मिलती रहे
याद कर लेना मुझे तुम कोई भी जब पास न हो
याद कर लेना मुझे तुम कोई भी जब पास न हो
चले आएंगे इक आवाज़ में भले हम ख़ास न हों
राह में खतरे भी हैं लेकिन ठहरता कौन है
राह में खतरे भी हैं लेकिन ठहरता कौन है.
मौत कल आती है आज आ जाए डरता कौन है.
तेरे लश्कर के मुक़ाबिल में अकेला हूँ मगर
फैसला मैदान में होगा के मरता कौन है….
– राहत इंदौरी
पिता – बेटे के लिए हज़ारो सपने
#पिता
अर्थात एक जोड़ी वह आंख,
जिसकी पलकों में अंकुरते हैं बेटे को हर तरह से बड़ा करने के हजारों सपने..।।
पिता अर्थात छायादार वह बड़ा वृक्ष
पिता अर्थात छायादार वह बड़ा वृक्ष,
जिसमें बचपने की गौरेया बनाती है घोसला…।
#फादर्सडे
“माँ” एक ऐसी बैंक है
“माँ” एक ऐसी बैंक है जहाँ आप हर भावना और दुख जमा कर सकते है।
#Mother #माँ #अम्मा