जितना नज़रअंदाज़ करना है कर लो,
अंदाज़ा उस दिन का भी लगा लो जब हम नज़र नहीं आएंगे
जितना नज़रअंदाज़ करना है कर लो,
अंदाज़ा उस दिन का भी लगा लो जब हम नज़र नहीं आएंगे
जितना बदल सकते थे बदल लिया खुद को ,
अब जिसको तकलीफ है वो अपना रास्ता बदले
सच चाहता है उसे हर कोई पहचाने
और झूठ हमेशा डरता है कोई उसे पहचान ना ले
मंज़िल पाना तो दूर की बात
अगर ऐसे ही Ego में रहोगे तो रास्ते भी नहीं दिखेंगे