दर्द भी वही देते हैं जिन्हे हक दिया जाता हो
वर्ना गैर तो धक्का लगने पर भी माफी माँग लिया करते हैं..
दर्द भी वही देते हैं जिन्हे हक दिया जाता हो
वर्ना गैर तो धक्का लगने पर भी माफी माँग लिया करते हैं..
जहां तक रिश्तों की बात है तो लोगो का आधा वक्त अनजान लोगों को इम्प्रेस करने में निकल जाता है और आधा अपनो को इग्नोर करने में ।
याददाश्त का कमजोर होना बुरी बात नहीं है
बड़े बेचैन रहते है वो लोग जिन्हें हर बात याद रहती है