“आदमी क्या चूहे से भी बद्तर हो गया है? चूहा तो अपनी रोटी के हक के लिए मेरे सिर पर चढ़ जाता है, मेरी नींद हराम कर देता है”
~ हरिशंकर परसाई (“चूहा और मै”)
आज मुबारक कल मुबारक होली का हर पल मुबारक रंग बिरंगी होली में हमारा भी एक रंग मुबारक #HappyHoli
एक ही बात सीखी आज मैने रंगों से . . अगर निखरना है तो बिखरना जरूरी है
उस होली में जिंदगी भर की होली सिमट जाए . . जिस होली में रंगों की जगह आकर तू मुझसे…
रंग उसी का चढ़ा है अब तक . . जिसने रंग नही लगाया अब तक #HappyHoli
तमन्ना तुम्हे रंग लगाने का नही . . तमन्ना तुम्हारे रंग में रंग जाने की है। #HappyHoli