किसी को गुलाब देना इश्क़ नहीं, . .उसे गुलाब की तरह रखना भी इश्क़ है
माह - ए- इश्क़ फ़रवरी आ गई है, अब कलमों के मिजाज़ भी बदलेंगे और दिलों के भी……
जज्बात मिल गये ख्यालात भी मिल जाएंगे कभी आओ #चाय पे . जवाब भी मिल जाएंगे..!!
कितनी ही इलायचियां पीस कर डालीं, . . . बग़ैर तेरे चाय में महक है ना लज्ज़त है...!! ❤️
फुर्सत मिली तो आयेंगे और पियेंगे ज़रूर... . . . सुना है #चाय बनाती हो तो गली महक उठती है...
मेरे हाथ अक्सर एक हाथ तलाशा करते है, तुझसे गुजरे है, तेरा साथ तलाशा करते है गालियां, वो सड़के, इश्क़…
मैं तुम्हारा नाम पुकारूँ तुम महक-महक जाओ मैं बनाऊं एक कविता तुम कलाम की स्याही बन जाओ -नेहा नूपुर
हज़ार इश्क़ करो लेकिन इतना ध्यान रहे.... . . . . के तुमको पहली मोहब्बत की बददुआ ना लगे...
तुझे दिसंबर में लगे मोहब्बत की ठंड, . . . . और तू मुझे तड़पकर मांगे चाय की तरह..