"मै एक मज़दूर हूँ। जिस दिन कुछ लिख न लूँ, उस दिन मुझे रोटी खाने का कोई हक नहीं।" #प्रेमचंद
दिन प्रति दिन खुद में ही खोता जा रहा हूँ मैं . . . तुम्हारी मोहब्बत में जीडीपी होता जा…
मोदी जी को शिक्षा क्षेत्र पर इसलिये भी ध्यान देना चाहिए . . ताकि युवा सड़क 2 के ट्रेलर और…
दू बिगहा में घर बा लेकिन सुतल बानी टेम्पू में . . जिनगी ई अझुराईल बाटे नून तेल आ शैम्पू…
रेल तेल भेल सब सेल सबको प्राइवेट में ठेल सत्ता अमीरों का खेल जो विरोध करें उनको जेल
ना BJP से मतलब न कांग्रेस से प्यार युवा मांगे अपना अधिकार केवल रोजगार
लोगों के ख्यालों से हटता जा रहा हूँ मैं . . . SSC का रिजल्ट होता जा रहा हूँ मैं
चापलूस और आलोचक मे केवल इतना अन्तर है कि चापलूस अच्छा बनकर बुरा करता है . . . और आलोचक…
कुछ लोग जो पानी छानकर पीते हैं, . . . खून बिना छना पी जाते हैं ~ हरिशंकर परसाई