चेहरे को आज तक भी तेरा इंतज़ार है . . . हमने किसी और को गुलाल मलने नहीं दिया #होली
घर में पति की जूठन खाने वाली स्त्रियां, चीखती है मन ही मन में जब होता है अहसास उसे, बिस्तर…
धागा भी दरख़्त पर बांध कर देखा.... . . . सुख गया दरख़्त मगर वो मेरा न हुआ..
एक बक्त ऐसा भी आता है.. जब सब कुछ अच्छा होने के बाद भी...... मुस्कराने को दिल नहीं करता.... .…
काश मर जाये वो मजबूरियाँ, . . . . . . जिनकी वजह से तुम मुझसे दूर हो !! 😐☹️☹️☹️
जाने दीजिए साहिब... मेरी मोहब्बत तुम्हारी समझ ना आएगी,,, जिसने रुलाया है... उसको गले से लगाकर रोने को जी चाहता…
हम उसको सुनाते रहे गम की कहानियां। जो शख्स कान से ही नही दिल से भी बहरा था
समस्या ये भी गंभीर है . . . जिसे तूँ सिर्फ अपनी समझता है, वो पता नही कितनों की हीर…
सुनो, ये जो तुम रुठ के मुझसे हर बार चले जाते हो... दफ़न सारे अहसास बताओ कहां कर आते हो…
हुए बदनाम मगर फिर भी न सुधर पाए हम.. फिर वही शायरी.. फिर वही इश्क़ फिर वही तुम..😘