अगले जन्म मैं तुम्हें प्रेयसी नहीं भिक्षुणी बनकर मिलूँगी एकदम खाली हाथ मैंने मुट्ठी भर-भर तुम्हें जो सर्वस्व दिया है…
इश्क में रूठना एक अदा है, पर रूठकर दूरी बनाना.... एक इशारा, किसी से रूठ कर आप उनसे दूरी बनाते…
वो अपनी नाराजगी कुछ यूँ जाहिर करती है जब भी नाराज़ होती है #तुम से #आप कहने लगती है 😍…
वो कहने लगे हम उम्र में बड़े हैं तुमसे... . . . तो हमने कहा तुम थोड़ा ज़्यादा प्यार कर…
नशा था उसकी झूठी बातों में . . . . वह वक़्त गुजारते रहे,और हम आदी होते गये
मैं अपना चाय का कप किसी और को नही देती . . . . तुम्हे क्या खाक किसी और का…
तेरे होंठो को देखा तो एक बात उठी जहन में वो लफ्ज़ कितने नशीले होंगे, जो इनसे होकर गुजरते है
तीन ही तो शौक़ हैं मेरे... शाम की चाय, शायरी और तुम....! ☕😊 😊☕