कहीं पढ़ा था-
“बो देना प्रेम नहीं है।
उग आना प्रेम है”
और मैं कह आया–
“बो देना या फिर उग आना
प्रेम है या नहीं
ये तो मैं नहीं जानता।
बस इतना जानता हूँ
उस उग आये
पौध को
सींचते रहना ही प्रेम है!”
आज मुबारक कल मुबारक होली का हर पल मुबारक रंग बिरंगी होली में हमारा भी एक रंग मुबारक #HappyHoli
एक ही बात सीखी आज मैने रंगों से . . अगर निखरना है तो बिखरना जरूरी है
उस होली में जिंदगी भर की होली सिमट जाए . . जिस होली में रंगों की जगह आकर तू मुझसे…
रंग उसी का चढ़ा है अब तक . . जिसने रंग नही लगाया अब तक #HappyHoli
तमन्ना तुम्हे रंग लगाने का नही . . तमन्ना तुम्हारे रंग में रंग जाने की है। #HappyHoli