पिताजी गणित हैं,
कठिन, समझ में नहीं आते
लेकिन सत्य भी वही हैं।
और माँ?
माँ, प्रेम है, साहित्य है।
माँ, एक कहानी सुनाती है,
जोकि काल्पनिक है।
जिससे हम सीखते हैं सत्य
और समझने लगते हैं गणित…
~देवेंद्र पाण्डेय(@SankrityaDev)
आज मुबारक कल मुबारक होली का हर पल मुबारक रंग बिरंगी होली में हमारा भी एक रंग मुबारक #HappyHoli
एक ही बात सीखी आज मैने रंगों से . . अगर निखरना है तो बिखरना जरूरी है
उस होली में जिंदगी भर की होली सिमट जाए . . जिस होली में रंगों की जगह आकर तू मुझसे…
तमन्ना तुम्हे रंग लगाने का नही . . तमन्ना तुम्हारे रंग में रंग जाने की है। #HappyHoli