पायल बेचकर उसने लगवाए थे मेरे गिटार में नए तार अब तारों को छेड़ता हूँ तो छम-छम की आवाज़ आती…
Dear #Soulmate लाजमी तो नहीं, मुझे हर वक़्त याद करो... बिल्कुल ही भूल जाओ, ये तो जुल्म है ना...!!!
उसकी आँखें गुलज़ार साहब की नज़्म हो जैसे... उसकी बातें जैसे क़ैफ़ी आज़मी की 'तेरी ख़ुशबू में बसे ख़त'...
स्कूल का वो बस्ता मुझे फिर से थमा दे माँ, . . . . ये ज़िन्दगी का सफर मुझे बड़ा…
तपते बदन पर भींगा रुमाल रखती है मां कितनी शिद्दत से मेरा ख्याल रखती है हैप्पी मदर्स डे
ऊपर जिसका अंत नहीं उसे आसमां कहते हैं , जहाँ में जिसका अंत नहीं उसे माँ कहते हैं।
कैसे भूलेगी वो मेरी बरसोंकी चाहत को… . . . . दरिया अगर सूख भी जाये तो रेत से नमी…
हर रोज़ खा जाते थे वो कसम मेरे नाम की, . . . आज पता चला की जिंदगी धीरे धीरे…
पूछा किसीने की याद आती है उसकी, मैंने मुस्कुराकर कहा की तभी तो ज़िंदा हूँ !!
ख़ुशी कहा हम तो “गम” चाहते है, ख़ुशी उन्हे दे दो जिन्हें “हम” चाहते है