“पेड़ अगर जो मोह लगातेफल डालियों पर सड़ जाते।” -शैलेन्द्र कुमार शर्मा
अधुरी है ख्वाहिश, सिमट रही है जनवरी,चौखट पर खड़ी है, इश्क़ वाली फरवरी…❣
कितने ही दिल तोड़ती है ये "फरवरी" … यूंही नही बनाने वाले ने इसके दिन घटाये होंगे..!
माह - ए- इश्क़ फ़रवरी आ गई है, अब कलमों के मिजाज़ भी बदलेंगे और दिलों के भी……
मैं जब सो जाऊँ इन आँखों पे अपने होंट रख देनायक़ीं आ जाएगा पलकों तले भी दिल धड़कता है ~…
दिन प्रति दिन खुद में ही खोता जा रहा हूँ मैं . . . तुम्हारी मोहब्बत में जीडीपी होता जा…
तुम इश्क करो और दर्द न हो, . . . मतलब दिस्मबर की रात हो और सर्द न हो...!!!
दिसम्बर की सर्दी है उस के ही जैसी . . . ज़रा सा जो छू ले बदन काँपता है ❣️🌹
हज़ार इश्क़ करो लेकिन इतना ध्यान रहे.... . . . . के तुमको पहली मोहब्बत की बददुआ ना लगे...