पुरानी होली का थोड़ा से गुलाल रखा है . . तुम्हारा इश्क़ मैंने यू संभाल रखा है #Holi
चेहरे को आज तक भी तेरा इंतज़ार है . . . हमने किसी और को गुलाल मलने नहीं दिया #होली
हर रंग फिका है प्रेम रंग के आगे #होली का रंग भी तब ही मनभावन लागे जब साथ में हो…
इन्तज़ार मत करोजो कहना है कह डालोक्योंकि हो सकता हैफिर कहने का कोई अर्थ न रह जाय ~ केदारनाथ सिंह
औरत मोहताज नहीं किसी गुलाब की, . .वो खुद बाग़बान है इस कायनात की
मुस्कान को तभी रोको जब वो किसी को चोट पहुंचा रही होवरना …..खिल खिलाकर हसने दो
पिताजी गणित हैं,कठिन, समझ में नहीं आतेलेकिन सत्य भी वही हैं। और माँ?माँ, प्रेम है, साहित्य है। माँ, एक कहानी…
कोई व्यक्ति कितना ही महान क्यों न हो,आँखें मूंदकर उसके पीछे न चलिए।यदि ईश्वर की ऐसी ही मंशा होती तो…
जली को "आग" कहते है, बुझी को राख कहते है जिस बात को सुनकर चप्पल हाथ में आ जाये उसे"मन…