जिंदगी

मर जाता हूँ मैं

शाम को जिस वक़्त ख़ाली हाथ घर जाता हूँ मैं मुस्कुरा देते हैं बच्चे . . . और मर जाता…

4 years ago

भूख इन्सान को ग़द्दार बना देती है

तन की हवस मन को गुनहगार बना देती है बाग के बाग़ को बीमार बना देती है भूखे पेटों को…

4 years ago

मैं रुई पर एक कविता लिखूँगा

मैं रुई पर एक कविता लिखूँगा और उसे तेल में डुबाकर दिया में सजाऊँगा फिर संसार के सबसे ऊंचे पर्वत…

5 years ago

एक अबोध बालक

तमाम प्रेम कविताओं और तरल सम्वेदनाओं के बावजूद नहीं पकड़ पाए वो रंग जिसमें डूब एक अबोध बालक बिल्ली के…

5 years ago

मुझे छोड़कर जो तुम जाओगे , बड़ा पछताओगे बड़ा पछताओगे

दूध को गैस पर 2 मिनट छोड़ने के बाद दूध भी नसीहत देने लगता है . . . मुझे छोड़कर…

5 years ago

शिकायत

अब वक्त से शिकायतें मत रखिये न कि वह सही नहीं चल रहा,''हम बात नहीं कर पा रहे,तुम्हारी बकवास नहीं…

5 years ago

जूते की अभिलाषा

चाह नही मैं ब्रांडेड होकर अपने जीवन पर इतराऊँ चाह नही मैं विश्व सुंदरी के , पग में पहना जाऊँ…

5 years ago

आप कैमरे की नजर में हैं

पहले दुकानों पर लिखा होता था, "ग्राहक भगवान है" तब देवताओ जैसी फीलिंग आया करती थी। अब लिखा होता है,…

5 years ago

अद्भुत कला

डकार मारने की Process के साथ साथ भगवान का नाम लेने की अद्भुत कला . . . . सिर्फ भारतीय…

5 years ago

जमाने की ऐसी की तैसी

हँसते रहिये, मुस्कुराते रहिये, ये चेहरे पर उदासी कैसी, जो पसंद आएँ उसे छिन लो, जमाने की ऐसी की तैसी..!!…

5 years ago