satya vachan

बाज़ार बड़ा मंदा है साहेब

बाज़ार बड़ा मंदा है साहेब….. ख़ुशी की किल्लत है और ग़म कोई ख़रीद नहीं रहा

6 years ago

नफरत

बहुत पाक रिश्ते होते है नफरतों के, कपड़े अक्सर मोहब्बत में ही उतरते हैं…

6 years ago

अब सुकून के लिए गाँव ढूँढते हैं

शहर बसाकर, अब सुकून के लिए गाँव ढूँढते हैं..... बड़े अजीब हैं लोग हाथ में कुल्हाड़ी लिए, छाँव ढूँढते हैं.....

6 years ago

रख लो आईने हज़ार तसल्ली के लिए

रख लो आईने हज़ार तसल्ली के लिए……!! पर सच के लिए तो,आँखें ही मिलानी प़डेगी….!!!

6 years ago

” बुरा ” हमेशा वही बनता है

” बुरा ” हमेशा वही बनता है, जो ” अच्छा ” बनके टूट चूका होता है !

6 years ago

“मतलब” बहुत वजनदार होता है

“मतलब” बहुत वजनदार होता है …! . . . निकल जाने के बाद हर रिश्ते को हल्का कर देता है…

6 years ago

दुआएँ मिल जायें

दुआएँ मिल जायें... सब की बस यही काफी है... दवाएँ तो ..... कीमत अदा करने पर... मिल ही जाती हैं....

6 years ago

कीमत दोनों की चुकानी पड़ती है

कीमत दोनों की चुकानी पड़ती है, बोलने की भी और चुप रहने की भी.!!

6 years ago

विपक्ष में जन्मे व्यक्ति को

आज का ज्ञान कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष में जन्मे ब्यक्ति को तो आप समझा सकते हैं मगर विपक्ष में…

6 years ago

खुशियों का ताल्लुक दौलत से नहीं है

जब भी किसी गरीब को हँसते हुए देखे तो समझ लेना चाहिये कि खुशियों का ताल्लुक दौलत से नहीं है

6 years ago