satya vachan

किसी की पहली पसंद से ले कर

किसी की पहली पसंद से ले कर . . . . . किसी के आखरी ख़्वाईश तक का सफर है…

5 years ago

दिल और ज़ुबान का साफ़ व्यक्ति….

दिल और ज़ुबान का साफ़ व्यक्ति.... रिश्तों के बाज़ार में.... अक्सर अकेला खड़ा रह जाता है...!!!

5 years ago

नाराजगी

"नाराज़गी" भी एक खूबसूरत रिश्ता है, जिससे होती हैं वह व्यक्ति दिल और दिमाग, दोनों में रहता है

6 years ago

क्रोध किसको अधिक आता है

जो मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप से नहीं कह सकता उसी को क्रोध अधिक आता है

6 years ago

कचरे में पड़ी रोटियां

कचरे में पड़ी रोटियाँ रोज यह कहती है की पेट भरते ही इंसान अपनी औकात भुल जाता हैं

6 years ago

सुलझा हुआ इंसान

"सुलझा हुआ इंसान वह है जो अपने जीवन के निर्णय स्वयं लेता है, और उन निर्णयों के परिणाम के लिए…

6 years ago

व्यक्तित्व

"व्यक्तित्व" की भी अपनी वाणी होती है जो "कलम"' या "जीभ" के इस्तेमाल के बिना भी, लोगों के "अंर्तमन" को…

6 years ago

गिरते परिंदों में भी फर्क देखती है दुनिया

गिरते परिंदों में भी फर्क देखती है दुनिया, संभालती उसी को है जो मजबूत होता है....

6 years ago

लोगो का आधा वक़्त

जहां तक रिश्तों की बात है तो लोगो का आधा वक्त अनजान लोगों को इम्प्रेस करने में निकल जाता है…

6 years ago

याददाश्त का कमजोर होना बुरी बात नहीं है

याददाश्त का कमजोर होना बुरी बात नहीं है बड़े बेचैन रहते है वो लोग जिन्हें हर बात याद रहती है

6 years ago