भक्त - बाबा मोहब्बत अपने अंजाम पर कब पहुँचती है . . . . . . . . . .…
#बारिश और #मोहब्बत दोनों ही यादगार होते हैं फर्क सिर्फ इतना होता है बारिश में #जिस्म भींगता है और #मोहब्बत…
बहुत पाक रिश्ते होते है नफरतों के, कपड़े अक्सर मोहब्बत में ही उतरते हैं…
मोहब्बत भी उधार कि तरह होती है …. “साहब” लोग ले तो लेते है .. मगर देना भूल जाते है.
*प्यार ऐसे आलसी इन्सान से करो जो* 😆😀👈🏻 😀😆😀 *छोड़ कर जाने की सोच से ही थक जाये* 😆😆😀😀😀
मोहब्बत वो जज्बा है जिसमें हारा नहीं जाता । दफन होकर भी आशिकी को बिसारा नहीं जाता
महोब्बत लिबास नही जो हर रोज़ बदला जाए महोब्बत कफ़न है पहन कर उतारा नही जाता ..........!