दिल और ज़ुबान का साफ़ व्यक्ति.... रिश्तों के बाज़ार में.... अक्सर अकेला खड़ा रह जाता है...!!!
"नाराज़गी" भी एक खूबसूरत रिश्ता है, जिससे होती हैं वह व्यक्ति दिल और दिमाग, दोनों में रहता है
जो मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप से नहीं कह सकता उसी को क्रोध अधिक आता है
"सुलझा हुआ इंसान वह है जो अपने जीवन के निर्णय स्वयं लेता है, और उन निर्णयों के परिणाम के लिए…
🌹जो परिवर्तन हम देखना चाहते हैं उसकी शुरुआत स्वयं से क्यों न करें....🌹
तू रंज न कर मैं तुझसे नही खुद से रुठा हूँ.. मैं वो फल हूँ जो अपनो के पत्थर से…
सफ़र में मुश्किलें आएँ तो जुर्रत और बढ़ती है कोई जब रास्ता रोके तो हिम्मत और बढ़ती है मेरी कमज़ोरियों…
मंज़िल पाना तो दूर की बात अगर ऐसे ही Ego में रहोगे तो रास्ते भी नहीं दिखेंगे
स्पष्टीरण देने में अपना समय मत बर्बाद करिये..... लोग केवल वही सुनते हैं जो वे सुनना चाहते हैं.