अब नज़र से जिस्म छिल जाने का ख़ौफ़ है, आजकल पोशाकों में अस्तर नहीं मिलते...! #Shayari
तीन ही तो शौक़ हैं मेरे... शाम की चाय, शायरी और तुम....! ☕😊 😊☕
बढ़ रही हैं तुमसे दूरियाँ... आ बैठ गलत फमहियाँ मिटाते हैं...
मेरे ख्वाबों की तबियत ख़राब है...💕 क्या मुझे दो घूँट नींद मिलेगी...💕😒
बात वो कहिए कि जिस बात के सौ पहलू हों, कोई पहलू तो रहे बात बदलने के लिए।
थके लोगों को मजबूरी में चलते देख लेता हूँ मैं बस की खिड़कियों से ये तमाशे देख लेता हूँ ~मुनीर…
जो ये दीवार का सुराख है साज़िश का हिस्सा है मगर हम इसे अपने घर का रोशन दान कहते है..…
जो दुनिया में सुनाई दे उसे कहते हैं ख़ामोशी जो आँखों में दिखाई दे उसे तूफ़ान कहते हैं! #राहतइंदौरी
ज़रा सी देर को तुम अपनी आँखें दे दो मुझे ये देखना है कि मैं तुम को कैसा लगता हूँ…
“रख के हर चीज़ भूलने वाली , . . . . . ला तेरा दिल संभाल कर रख लूँ..!”❤️