शायरी

मैं ख़ुद से रूठ गया हूँ उसे मनाते हुए

घुटन सी होने लगी उस के पास जाते हुए मैं ख़ुद से रूठ गया हूँ उसे मनाते हुए ~अज़हर इक़बाल

5 years ago

हम तेरे नाम को चुपके से पढ़ा करते हैं

अपनी मुट्ठी में छुपा कर किसी जुगनू की तरह हम तेरे नाम को चुपके से पढ़ा करते हैं ~अलीना इतरत

5 years ago

गुलज़ार साहब की नज़्म हो जैसे

उसकी आँखें गुलज़ार साहब की नज़्म हो जैसे... उसकी बातें जैसे क़ैफ़ी आज़मी की 'तेरी ख़ुशबू में बसे ख़त'...

5 years ago

मै आज भी तेरा ही  बच्चा हूँ

सीधा साधा भोला भाला तेरे लिए मै ही सबसे अच्छा हूँ , कितना भी हो जाऊ बड़ा माँ मै आज…

6 years ago

दरिया अगर सूख भी जाये

कैसे भूलेगी वो मेरी बरसोंकी चाहत को… . . . . दरिया अगर सूख भी जाये तो रेत से नमी…

6 years ago

सिर्फ तेरा साथ चाहिये

काश तुम पूछो की मुझसे क्या चाहिये, मैं पकडू बस तेरा हाथ और कहूँ सिर्फ तेरा साथ चाहिये…

6 years ago

किसी ने चाहा भी न होगा तुम्हे

इतना तो किसी ने चाहा भी न होगा तुम्हे, जितना मैंने सिर्फ…… सोचा है तुम्हे

6 years ago

अजीब खेल है ये मोहब्बत का

अजीब खेल है ये मोहब्बत का . . किसी को हम न मिले, कोई हमें ना मिला!

6 years ago

अगर है किसी मे टूटने की हिम्मत है…

अगर है किसी मे टूटने की हिम्मत है... तो मुबारक हो..इश्क़ कर लीजिये.. #बज़्म

6 years ago

तुम्हारी आँखें बता रही हैं

तुम्हारी आँखें बता रही हैं कि तुम ने सपने बहा दिए हैं

6 years ago