पंडित जी ने कुंडली मिलाई.. *३६ के ३६ गुण मिल गये।* 📜✔️ लड़के वालों ने मना कर दिया। लड़की वाले…
मैं जब भी टूटता हूँ, तो तुझे ढूंढता हूँ • • तु हमेशा कहती थी ना, कि हम एक है..!!
तुझे मुफ़्त में जो मिल गये हम . . . तू क़दर ना करें ये तेरा हक़ बनता है… .
धागा भी दरख़्त पर बांध कर देखा.... . . . सुख गया दरख़्त मगर वो मेरा न हुआ..
गलतियों से जुदा तू भी नही, मैं भी नही, दोनों इंसान हैं, खुदा तू भी नही, मैं भी नहीं तू…
एक बक्त ऐसा भी आता है.. जब सब कुछ अच्छा होने के बाद भी...... मुस्कराने को दिल नहीं करता.... .…
काश मर जाये वो मजबूरियाँ, . . . . . . जिनकी वजह से तुम मुझसे दूर हो !! 😐☹️☹️☹️
जाने दीजिए साहिब... मेरी मोहब्बत तुम्हारी समझ ना आएगी,,, जिसने रुलाया है... उसको गले से लगाकर रोने को जी चाहता…
कुछ लोग अपनें लम्हें सँवारने के लिए . . . . दूसरों की सदियाँ वीरान कर देते हैं
आंखों के नीचे काले घेरे बताते है . . . . होंठो पर जो मुस्कान है झूठी है 💔